महात्मा ज्योतिबा फुले ( १८२७ - १८९० )
महात्मा ज्योतिबा फुले इनका जन्म ११ अप्रैल १८२७ को महाराष्ट्र के सतारा जिल्हे में हुआ था | उनका असली नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था | वह १९वी सदी की एक बड़े समाजसुधारक ,सक्रिय प्रतिभागी तथा विचारक थे | उनके जीवनकाल में उन्हीने शिक्षा, कृषि,जाती प्रथा और समाज में महिलाओ की दर्जे में सकारात्मक नुतनीकरण लाया | उन्हें खुद इन कार्यो में महिलाओ को तथा निचली जाती के लोगो को पढ़ना बड़ा रास आता था |
महात्मा फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढ़ने के बाद १८४८ में उन्होंने पुणे में लडकियों के लिए भारत की पहली प्रशाला खोली | २४ सितंबर १८७३ को उन्होंने सत्य शोधक समाज की स्थापना की | वह इस संस्था के पहले कार्यकारी व्यवस्थापक तथा कोषपाल भी थे |इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में शुद्रो पर हो रहे शोषण तथा दुर्व्यवहार पर अंकुश लगाना था |
उनके किसानो और निचले वर्ग के लोगो के अधिकारों लिए किये अथक परिश्रमो की वजह से उन्हें महाराष्ट्र उस सदी के समाज सुधारको की सूचि में एक विशेष स्थान प्राप्त है | फुले यह खुद से थे पुणे शहर के एक साधारण माळी समाज के एक परिवार से थे | उनके पिता यह एक सब्जी विक्रेता थे ; उनके माता का देहांत महात्मा फुले के आयु के नौवे महीने में ही हो गया था |
उनके आयुष्य में महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब उनके मुस्लिम तथा इसाईं पडोसीयो ने उनकी अपार बुद्धिमत्ता को पहचानते हुए ज्योतिराव के पिता को ज्योतिराव को वहां के स्थानिक ' स्कोटीश मिशुनस हाई स्कूल ' में भर्ती करने के लिए राजी किया | थोमस पैन के 'राइटस ऑफ़ माँन ' इस पुस्तक से प्रभावित होते हुए फुलेजी ने सामाजिक न्याय के लिए और भारतीय जातीवाद के खिलाफ अपना एक दृढ़ दृष्टिकोण बना लिया |
महात्मा फुले अंग्रेजी राज के बारे में एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते थे क्युकी अंग्रेजी राज की वजह से भारत में न्याय और सामाजिक समानता के नए बिज बोए जा रहे थे | महात्मा फुले ने अपने जीवन में हमेशा बड़ी ही प्रबलता तथा तीव्रता से विधवा विवाह की वकालत की | उन्होंने उच्च जाती की विधवाओ के लिए १८५४ में एक घर भी बनवाया था | दुसरो के सामने आदर्श रखने के लिए उन्होंने अपने खुद के घर के दरवाजे सभी जाती तथा वर्गों के लोगो के लिए हमेशा खुले रखे , इतना ही नहीं उन्होंने अपने कुए का पानी बिना किसी पक्षपात के सभी के लिए उपलभ्द किया |
महात्मा ज्योतिबा फुले इनका जन्म ११ अप्रैल १८२७ को महाराष्ट्र के सतारा जिल्हे में हुआ था | उनका असली नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था | वह १९वी सदी की एक बड़े समाजसुधारक ,सक्रिय प्रतिभागी तथा विचारक थे | उनके जीवनकाल में उन्हीने शिक्षा, कृषि,जाती प्रथा और समाज में महिलाओ की दर्जे में सकारात्मक नुतनीकरण लाया | उन्हें खुद इन कार्यो में महिलाओ को तथा निचली जाती के लोगो को पढ़ना बड़ा रास आता था |
महात्मा फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढ़ने के बाद १८४८ में उन्होंने पुणे में लडकियों के लिए भारत की पहली प्रशाला खोली | २४ सितंबर १८७३ को उन्होंने सत्य शोधक समाज की स्थापना की | वह इस संस्था के पहले कार्यकारी व्यवस्थापक तथा कोषपाल भी थे |इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में शुद्रो पर हो रहे शोषण तथा दुर्व्यवहार पर अंकुश लगाना था |
उनके किसानो और निचले वर्ग के लोगो के अधिकारों लिए किये अथक परिश्रमो की वजह से उन्हें महाराष्ट्र उस सदी के समाज सुधारको की सूचि में एक विशेष स्थान प्राप्त है | फुले यह खुद से थे पुणे शहर के एक साधारण माळी समाज के एक परिवार से थे | उनके पिता यह एक सब्जी विक्रेता थे ; उनके माता का देहांत महात्मा फुले के आयु के नौवे महीने में ही हो गया था |
उनके आयुष्य में महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब उनके मुस्लिम तथा इसाईं पडोसीयो ने उनकी अपार बुद्धिमत्ता को पहचानते हुए ज्योतिराव के पिता को ज्योतिराव को वहां के स्थानिक ' स्कोटीश मिशुनस हाई स्कूल ' में भर्ती करने के लिए राजी किया | थोमस पैन के 'राइटस ऑफ़ माँन ' इस पुस्तक से प्रभावित होते हुए फुलेजी ने सामाजिक न्याय के लिए और भारतीय जातीवाद के खिलाफ अपना एक दृढ़ दृष्टिकोण बना लिया |
महात्मा फुले अंग्रेजी राज के बारे में एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते थे क्युकी अंग्रेजी राज की वजह से भारत में न्याय और सामाजिक समानता के नए बिज बोए जा रहे थे | महात्मा फुले ने अपने जीवन में हमेशा बड़ी ही प्रबलता तथा तीव्रता से विधवा विवाह की वकालत की | उन्होंने उच्च जाती की विधवाओ के लिए १८५४ में एक घर भी बनवाया था | दुसरो के सामने आदर्श रखने के लिए उन्होंने अपने खुद के घर के दरवाजे सभी जाती तथा वर्गों के लोगो के लिए हमेशा खुले रखे , इतना ही नहीं उन्होंने अपने कुए का पानी बिना किसी पक्षपात के सभी के लिए उपलभ्द किया |
The essence of Sanatan Dharma is seen in the thoughts of Mahatma Phule,
ReplyDeleteGood one
ReplyDeleteJeena isi Ka naam hai
ReplyDeleteJeena is I Ka naam hai
ReplyDeleteEshey byaktiyo ke bare mai midia kyo nahi dikhata hai
ReplyDeleteEshey byaktiyo ke bare mai midia kyo nahi dikhata hai
ReplyDeleteFULL STORY DEKHO
ReplyDeleteFULL STORY DEKHO
ReplyDeleteBharat Ki great personality Phulay sab ko shat shat Naman.
ReplyDeletejai ho mahan shakhsiyat jyotiba phule ji aap ke charno mein natmastak hote hai
ReplyDeletejai ho mahan shakhsiyat jyotiba phule ji aap ke charno mein natmastak hote hai
ReplyDeleteDo you realize there's a 12 word sentence you can tell your crush... that will trigger deep emotions of love and instinctual appeal to you deep inside his heart?
ReplyDeleteBecause deep inside these 12 words is a "secret signal" that triggers a man's impulse to love, admire and protect you with his entire heart...
12 Words Will Trigger A Man's Desire Response
This impulse is so hardwired into a man's brain that it will make him work better than before to to be the best lover he can be.
Matter-of-fact, fueling this mighty impulse is absolutely important to getting the best ever relationship with your man that the instance you send your man one of the "Secret Signals"...
...You'll soon notice him open his mind and heart for you in such a way he's never experienced before and he'll identify you as the only woman in the world who has ever truly interested him.